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गर्भपात की स्तिथि किसी भी महिला के लिए एक सदमे की तरह होती है, उसके दुख की कोई सीमा नही होती, परंतु इस समय में उन्हें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से अपने आप को मजबूत रखना चाहिए। गर्भपात चाहे पहली तिमाही में हो या दूसरी तिमाही में, एक मां के लिए बहुत ज्यादा दुखद होता है। गर्भपात के बाद, हमारा शरीर में वैसे ही परिवर्तन होते है जैसे की पूरे टाइम की डिलीवरी के बाद, जैसे की मूड स्विंग, ज्यादा भूख लगना, चिड़चिड़ापन, सोने में परेशानी, थकान महसूस होना इत्यादि।

दुख को स्वीकार करें ।

गर्भपात ने आपके अंदर दुख, क्रोध, अपराध और भ्रम जैसे विभिन्न भावों को प्रेरित किया हो सकता है। इन भावनाओं को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है। एक महिला और मां होने के कारण मैं इन सभी महिलाओं के दुख को समझ सकती हूँ, जो गर्भपात की स्तिथि से गुजर रही है, इसलिए मैं उन सभी महिलाओं के लिए कुछ उपाय बता रही हूँ कि गर्भपात के बाद अपना ख्याल कैसे रखे और किन किन बातों का ख्याल रखें, क्योंकि यह वो समय है जिसमें आपको अपने इस सदमे से बाहर लाना है। मैं जानती हूँ कि यह एक मुश्किल समय है, परंतु हमें इस से बाहर निकलना ही है और भावनात्मक रूप से अपने आप को संभालना है।

गर्भपात होने के बाद क्या करें और क्या न करें।

गर्भपात होने के बाद सेक्स न करे, क्योंकि इस समय महिलाओं का शरीर बहुत कमजोर होता है, कम से कम 15-20 दिन का परहेज जरूर रखे। घर के कामों को टाले, जैसे कि भारी वजन उठाना । अगर गर्भपात पहली तिमाही में हुआ है तो कम से कम 1 से 2 हफ्तों का आराम जरूर करें। योगा जरूर करें, इस से आपको मानसिक तनाव को दूर करने में आसानी होगी। भारी भरकम व्यायाम न करें। धूम्रपान न करें। धूम्रपान एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है गर्भपात का, क्योंकि धूम्रपान करने से गर्भ धारण करने की क्षमता या प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। भरपूर नींद लें और दवाइयां समय पर ले, जिस से आप जल्दी ठीक हो सकती हैं।

गर्भपात होने के बाद क्या खाए।

गर्भपात होने के बाद, खानपान का खास खयाल रखना है, उचित मात्रा में पानी और तरल पदार्थ लेने है, जैसे की नारियल पानी, जूस, डिटॉक्स वाटर, इसके अलावा, ऐसा भोजन करना है जिसमे भरपूर मात्रा में विटामिन सी और आयरन मौजूद हो। विटामिन सी के लिए खट्टे फल, टमाटर और ब्रोकली ले सकते हैं, एवम आयरन के लिए बीन्स और हरी पत्तेदार सब्जियां, दाल, आयरन युक्त भोजन लेने से खून की कमी पूरी होती है, जो कि गर्भपात के बाद बहुत जरूरी होता है । इसके अलावा अपने डाक्टर से सलाह ले कि उन्हें आयरन या विटामिन की गोलियां लेनी है या नहीं।

गर्भपात के बाद क्या न खाएं।

गर्भपात के बाद शराब का सेवन न करे, केफीन अधिक मात्रा में न ले, कच्चा मांस, और कम फाइबर वाले फल सब्जियों का सेवन न करे। मसालेदार भोजन का सेवन न करे, क्योकि मसालेदार खाने से पेट की समस्या हो सकती हैं, और इस समय पेट का ठीक रखना बहुत जरूरी होता है। अधिक मिठाई न खाए, क्योंकि इस से शुगर लेवल बढ़ जाता है, और हील होने में समय लगता है। जंक फ़ूड से भी परहेज करें। इन सभी का परहेज करने से, आपकी शारीरिक रिकवरी जल्दी होगी। 

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गर्भपात के बाद कितने समय बाद दोबारा गर्भवती हो सकते है

गर्भपात के बाद महिला को दोबारा गर्भवती होने के लिए कोशिश के लिए कम से कम 3 महीने और अधिकतम 6 महीने का समय लेना चाहिए। गर्भपात के बाद महिलाओं में शारीरिक और मानसिक कमजोरी आती है, इसलिए महिलाओं को अपना खास ख्याल रखना चाहिए। दोबारा गर्भवती होने से पहले आपको शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होना चाहिए। इसके अलावा आपको अपने डाक्टर से भी सलाह लेनी चाहिए जिस से वो आपको उचित सलाह दे कि आप कितने समय के बाद दोबारा गर्भ धारण कर सकती है।

निष्कर्ष

गर्भपात का अनुभव एक जबरदस्त और दिल तोड़ने वाला अनुभव हो सकता है। याद रखें कि उपचार एक धीमी प्रक्रिया है और इस दौरान अपना ख्याल रखना सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। अपने आप को शोक मनाने की अनुमति न दें, अपने शारीरिक सुधार को प्राथमिकता दें, भावनात्मक समर्थन लें,  और अपनी भविष्य की योजनाओं पर सावधानीपूर्वक विचार करें। समय और समर्थन से, आपको इस कठिन दौर से उबरने और मजबूत होकर उभरने की ताकत मिलेगी। याद रखें, आप अकेली नहीं हैं, और उपचार और पुनर्प्राप्ति की इस यात्रा में आपकी सहायता के लिए संसाधन उपलब्ध हैं।


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