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आज मैं आपके लिए Garbh Sanskar के विषय में विस्तृत जानकारी लेकर आई हूं। गर्भ संस्कार जैसा कि इसके नाम में ही इसका अर्थ है गर्भ में ही संस्कार देना। गर्भ संस्कार दो शब्दों से जुड़कर बना है गर्भ और संस्कार। 

गर्भ संस्कार क्या है / What is Garbh Sanskar?

गर्भ के समय महिलाएं अपने बच्चों को जो संस्कार देती हैं उसे ही गर्भ संस्कार कहा जाता है। प्रत्येक महिला अपने गर्भ मैं पल रहे शिशु पर अच्छा असर पड़े इसलिए धार्मिक और ज्ञान देने वाली पुस्तक पढ़ती है, उसी प्रकार ज्ञान देने वाले टेलिविजन प्रोग्राम देखती है ताकि उसके बच्चे पर इसका अच्छा प्रभाव पड़े । हर माँ को इस बात का ज्ञान होता है कि जैसे माहौल में वो रहेगी जो बातें सुनेगी उसका वैसा हे असर उसके बच्चे पर भी पड़ेगा । इसलिए सभी माताएँ अपने शिशु को गर्भ से ही अच्छे संस्कार देना चाहती है इसको ही गर्भ संस्कार कहा जाता है ।

गर्भ संस्कार का इतिहास / History of Garbh Sanskar

गर्भ संस्कार की प्रथा प्राचीन काल से ही चली आ रही है। महाभारत के समय में जब अर्जुन अपनी पत्नी सुभद्रा को चक्रव्यूह के बारे में बता रहे थे तो उनके पुत्र अभिमन्यु ने गर्भ में ही व्यू रचना की जानकारी ले ली थी। इसी तरह से ही जब प्रहलाद की माता को घर से निकाल दिया गया था और ऋषि नारद ने उन्हें अपने आश्रम में शरण दी थी । ऋषि नारद हर समय नारायण का जाप करते रहते थे और प्रहलाद की माता भी निरंतर नारायण का जाप करती रहती थी। इसी कारण से प्रहलाद नारायण के अनन्य भक्त हुए। नारायण की भक्ति उन्हें गर्भ से ही प्राप्त हुई थी। गर्भ से ही जो ज्ञान मिलता है उसे गर्भ संस्कार कहते हैं

गर्भवती होने पर गर्भ संस्कार कब शुरू करें ?

गर्भ संस्कार करने का मतलब सिर्फ गर्भ मे बच्चे के आने के बाद गर्भ मे रहने तक सीमित नहीं है, इसको स्तनपान के साथ भी जोड़ा जाता है | बच्चे के गर्भ मे आने से लेकर जन्म के 2 साल तक गर्भ संस्कार किया जाता है | ऐसा इसलिए किया जाता है क्यों कि ये समय ऐसा होता है जिसमे बच्चे को जैसे भी संस्कार दिये जाएँ, बच्चे को जो कुछ भी सिखाया जाए वो बच्चे के दिमाग में ठीक से बैठ जाता है और बच्चा उसको कभी भूलता नहीं है | उदाहरण के लिए ऐसा कहा जाता है कि 9 महीने गर्भ के और 2 वर्ष जन्म के बाद का समय शिशु के लिए ऐसा होता है जैसे कुम्हार के लिए कच्चा घड़ा जिसको वो कोई भी आकार दे सकता है । और एक बार जब घड़ा पक जाता है तब उसके आकार को अगर बदलने कि कोशिश कि जाए तो बदलता नहीं है टूट जाता है ।

यह भी पढ़ें: कैसे पता लगाएं कि पेट में लड़का है या लड़की | 10 आसान तरीके

गर्भ संस्कार कैसे करें और कुछ Tips

हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देना चाहते हैं, अच्छी बातें सिखाना चाहते हैं। इसकी शुरुआत गर्भ से ही हो जाती है। जब बच्चा गर्भ में होता है तो उसकी मां की गतिविधियों का असर बच्चे पर पड़ता है। 

गर्भ के समय बच्चा मां से सबसे ज्यादा जुड़ा हुआ होता है। गर्भवती महिला जिस तरह का आहार ग्रहण करती है जिस तरह के विचार उसके मन में आते हैं उनका असर उसके बच्चे पर भी पड़ता है इसीलिए गर्भावस्था में महिलाओं को खुश रहने के लिए कहा जाता है गर्भवती महिलाएं जितना खुश रहेंगी बच्चा उतना ही स्वस्थ और खुश पैदा होगा।

गर्भवती महिलाओं को चाहिए कि वह अपने गर्भ में पल रहे शिशु से बातें करें, एक मां की बॉन्डिंग बच्चे के साथ गर्भ से ही शुरू हो जाती है क्योंकि मां उसकी हर हलचल को महसूस करती है जब वह खुश होती है तो बच्चा भी खुश होकर हलचल करता है।

अगर गर्भवती महिला का मन अच्छा नहीं है मन उदास है तो उसका बच्चा भी उदास हो जाता है हलचल नहीं करता है इसीलिए ऐसे समय में गर्भवती महिलाओं को अच्छी-अच्छी बातें ही सुनना पढ़ना चाहिए।

गर्भ संस्कार के समय कौन सी किताबें पढ़नी चाहिए?

सभी महिलाओं को भागवत गीता और रामायण जैसी किताबें ऐसे समय में पढ़ना बहुत लाभकारी होती हैं। ऐसी किताबें पढ़ने से बच्चों में गर्भ से ही ज्ञान बढ़ता है। ईश्वर के प्रति विश्वास बनाते हैं। पौराणिक कथाओं के अलावा गर्भवती महिलाएं नैतिक कहानियां या दादी नानी की कहानियां भी सुन और पढ़ सकती हैं। कहानियां सुनने और पढ़ने से मां और बच्चे के बीच में एक संबंध स्थापित होता है, यह कहानियां शिक्षाप्रद होती हैं।

Balaji Tambe Garbh Sanskar

मराठी पुस्तक, आयुर्वेदिय गर्भ संस्कार विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ उन लोगों के लिए भी लिखी गई है जो एक गर्भवती स्त्री की देखभाल कर रहे हैं; यह प्राचीन आयुर्वेदिक प्रथाओं और प्रणालियों द्वारा निर्धारित शिशु के जन्म से पहले और जन्म के बाद की देखभाल के बारे में बहुमूल्य ज्ञान प्रदान करती है। यह पुस्तक विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है । मैं कुछ पुस्तकों के लिंक नीचे दे रही हूँ आप चाहे तो लिंक पर क्लिक करके वह से खरीद कर पढ़ सकते हैं । और अगर आपने Amazon Prime का सब्स्क्रिप्शन लिया हुआ है तो आप कुछ पुस्तकों को Amazon Kindle पर Free मे भी पढ़ सकते हैं ।

Balaji Tambe garbh sanskar book in marathi
Balaji Tambe garbh sanskar book in english
Balaji Tambe garbh sanskar book in Gujarati

Garbh sanskar book in Hindi

Ayurvediya garbh sanskar book in Hindi by Abhay Kulkarni
Garbh sanskar book in hindi by Suresh Alka Prajapati

गर्भ संस्कार के समय कौन सा संगीत सुनना चाहिए ?

संगीत सुनना भी गर्भ संस्कार का ही हिस्सा है संगीत सुनने से मन को शांति मिलती है शांत मन बहुत जरूरी होता है शांत मन से ही हम बड़ी बड़ी मुसीबतों का सामना करना सीख सकते हैं इसीलिए मन को शांत रखना सीखना आना चाहिए। अब सवाल ये है की संगीत किस प्रकार का होना चाहिए जिससे मन को शांति मिले, तो मैं आपको बताना चाहूंगी की आप आध्यात्म संगीत सुन सकती हैं, मंत्रों के श्लोक या बांसुरी की धुन सुन सकती हैं | मैंने ये खुद महसूस किया है कि जब पेट मे बच्चा 18 हफ्तों का हो जाता है तो वो संगीत कि धुन पर अपनी प्रतिक्रिया देता है और पेट मैं हिलता हुआ महसूस होता है | इसलिए अपने बच्चे को शांत रखने के लिए अच्छा और मधुर संगीत सुनें | मैं कुछ garbh sanskar music album के लिंक नीचे दे रही हूँ, आप इनको सुन सकती हैं ।

Spotify App – Garbh Sanskar Music Album by Arpita Kulkarni & Abhay Kulkarni
Youtube Music App – Garbh Sankar Music Album by अर्पिता कुलकर्णी और अभय

संतुलित आहार है जरूरी

अच्छा और संतुलित आहार गर्भ संस्कार का अगला हिस्सा है। गर्भवती महिला को एक संतुलित आहार ग्रहण करना चाहिए उसमें सभी प्रकार के पोषक तत्व बहुत जरूरी है ऐसे समय में गर्भवती महिलाओं को पोषक तत्वों की बहुत जरूरत होती है इसीलिए उसे एक संतुलित आहार ग्रहण करना चाहिए जिससे उसके सभी पोषक तत्वों की कमी पूरी हो सके और उसका बच्चा भी स्वस्थ हो।

योग और हल्का व्यायाम

व्यायाम – व्यायाम करने से गर्भवती महिला और इसका शिशु शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं. गर्भवती महिलाओं को योग जरूर करना चाहिए। ऐसा जरूरी नहीं है कि उन्हें भारी व्यायाम ही करने हैं। व्यायाम करने से उनकी शारीरिक गतिविधियां करने में उन्हें परेशानी नहीं होती है और व्यायाम करने से डिलीवरी के समय भी परेशानी नहीं होती है। व्यायाम करने से सिर्फ तन ही नहीं मन भी स्वस्थ रहता है जो कि गर्भवती महिला के लिए बहुत जरूरी है इससे तन और मन दोनों का ही विकास होता है।

निष्कर्ष

मुझे खुशी है कि आपने मेरे लिखे हुये पूरे ब्लॉग को ध्यान से पढ़ा और समझा । इसमे एक गर्भवती स्त्री के लिए बहुत महत्वपूर्ण बातें लिखी गईं हैं । मुझे उम्मीद है ये सब जानकर आप अब अपने गर्भ में पल रहे शिशु को उत्तम संस्कार देंगी और अभी से सभी बातों का खयाल रखेंगी ताकि आपका बच्चा इस समाज में अपनी एक अच्छी पहचान बना सके और सभी लोग उसे देखने और मिलने के बाद कह सकें कि इसकी माँ ने इसको अच्छे संस्कार दिये हैं ।


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